Wednesday, July 15, 2009

मुस्लिम तुष्टिकरण और राजनीति

आज के राजनेताओं को राष्ट्रीय नीति नहीं बल्कि वोट बैंक की तुष्टिकरण रणनीति ही रास आ रही है । एक तरह स्वयं हमारे प्रधानमंत्री तुष्टिकरण का राग अलाप रहे हैं, वहीं इस होड़ में अन्य नेता भी कम नहीं हैं । लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान अवैध बंग्लादेशियों को मतदाता पहचानपत्र एवं राशनकार्ड दिए जाने की बात कहते हैं वहीं मुलायम सिंह जैसे नेता मौलाना मुलायम कहलाना ज्यादा पसंद करते हैं । हाँ इस दिशा में शिवसेना सुप्रीमो बाल ठाकरे जैसे नेता राष्ट्रवादी मुसलमानों की विचार धाराओं को सलाम करते हैं । देश के एक हिस्से में पाकिस्तानी झंडा फहराया जाता है और हिंदुस्तानी झंडा जलाया जाता है । कारवाई इसलिए नहीं होती क्योंकि मुस्लिमों का वोट बैंक बिखर जाता । क्या वोट बैंक की महत्ता राष्ट्रहित से ज्यादा है? भाजपा के उत्तरपूर्वी लोकसभा क्षेत्र के प्रत्याशी बी. एल. शर्मा ‘प्रेम’ ने कहा- “अब लड़ाई देश और धर्म की है, जिसे जीतना भारत के बहुसंख्यक वर्ग को जरूरी है । देश और धर्म की रक्षा हेतु अपना प्राणोत्सर्ग करने की बात कहते हुए उन्होंने कहा कि भारत के अखंड स्वरूप को साकार करने की बात करना यदि संप्रदायवाद है तो हाँ मैं संप्रदायवादी हूँ । हिंदुओं को मुस्लिम समाज के समान सब्सिडी देने की वकालत करना यदि आचार संहिता का उल्लंंघन है तो बी० एल० शर्मा ‘प्रेस’ इसे आगे भी जारी रखेगा । सभी के समान नागरिक अधिकार होने चाहिए । उन्होंने कहा इस देश के प्रधानमंत्री कहते हैं- “देश की आय पर सबसे पहला हक किसी का है तो मुसलमान का है और देश की आय का पचीस फीसदी रूपया मुस्लिम संप्रदाय पर खर्च किया जाएगा । सरकारी नौकरियों में मुस्लिम समाज को मजहब के नाम पर आरक्षण दिया जाएगा । क्या यह सांप्रदायिकता नहीं है? उन्होंने कहा कि कांग्रेस देश की सबसे बड़ी सांप्रदायिक पार्टी है जिसने हिंदू और मुस्लिम में हमेशा से मुसलमानों को संरक्षण देकर हिन्दू-मुस्लिम में भेद पैदा किया है । कांग्रेस के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष ने राजनीतिक खेल के नाम पर सांप्रदायिकता फैलाने का काम किया है । जबकि कांग्रेस के समर्थन में बैठनेवाले बसपा उम्मीदवार हाजी दिलशाद ने कहा “मेरी कौम का आदेश है कि मुझे भाजपा को हराने के लिए अपने समाज के लोगों को बँटने से बचाना है, क्या यह साम्प्रदायिकता नहीं है? श्री ‘प्रेम’ ने कहा कि 1947 में देश का विभाजन हुआ । । मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण कांग्रेस ने मुस्लिम लीग के सामने अपने घुटने टेक दिये । उस समय देश के 98 प्रतिशत मजहबी लोगों ने अलग मुल्क की माँग की थी, जिसके बाद कांग्रेस ने देश का विभाजन स्वीकार किया, जबकि भीमराव अंबेडकर बँटवारे के बाद पूरी तरह यह चाहते थे कि मुसलमान सारा का सारा पाकिस्तान में जाना चाहिए । उन्होंने कहा कांग्रेस के कारण ही अखंड भारत के 62 जिले पाकिस्तान में चले गए । श्री ‘प्रेम’ ने कहा कि यह चुनाव एक धर्मयुद्ध बन चुका है । एक तरफ देश और धर्म की रक्षा चाहनेवाले मेरे जैसे लोग हैं, दूसरी तरफ मुस्लिम वोटों को खरीदनेवाली तथा हिंदू-मुस्लिम में भेद करनेवाली कांग्रेस को जनता उखाड़ फेंकेगी । जब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरसंघचालक सुदर्शन ने हिंदुओं से अधिक बच्चे पैदा करने की बात कही थी तो बहुत से सेक्यूलर-राष्ट्रवादी नेताओं और मीडिया ने इस पर अपनी भवें चढ़ा लीं थीं, परंतु हमारे तथाकथित उदारवादी सेक्यूलर मीडिया की बोलती बंद हो गई थी जब मुलायम के मुख्यमंत्रित्व काल में उत्तरप्रदेश के मंत्री ने घोषणा की थी कि उन मुस्लिम महिलाओं को पुरस्कार दिया जाएगा जो जितने बच्चे पैदा कर सकती हैं, वे करें । उस वक्‍त उत्तरप्रदेश के योजनामंत्री अहमद हसन के बयान से राज्य के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी भी चौंक गए थे । उन्होंने अपने इस बयान में घोषणा की थी कि मुस्लिम महिलाएँ जितने भी स्वस्थ बच्चे पैदा कर सकती है, वे करें उन्हें राज्य सरकार प्रत्येक बच्चे की देखभाल के लिए 1400 रूपए देगी । हमन साहब ने यह घोषणा उस समय की थी जब वे अगले चरण के पल्स पोलियो की पूर्व संध्या पर मुस्लिम महिलाओं द्वारा पल्स पोलियो जागृति रैली निकाल रहे थे । मंत्रीजी ने कहा था कि कांग्रेस सरकार दो बच्चों की नीति की वकालत करती है परन्तु समाजवादी पार्टी और अधिक बच्चे पैदा करने में आपकी यथासंभव पूरी मदद करेगी । कांग्रेस की सरकार ने दो बच्चों के बाद रोक लगा दी थी पर हम समझते हैं कि यह आपका फैसला है ।

2 comments:

  1. kiya khoob likha,, hamen aap jeson se pata lagta he ke kaun hamare liye kiya kar raha warna ham to har dukh dard hi hasil kar rahe hen,,,
    bhai ye sab bayanbazi hen,,,, abhi delhi election c.m. ne madarson ko computer dene ko kaha tha,,,fursat ho to pata karo ek ko bhi mile kiya?

    kabhi mauqa, fursat mili to bhot kuch bataoonga..

    musalmanon (jamat-e-islami,delhi) ne dalit ki samsayon par ek kitab likhi he...woh bhi dekh lena.

    allah ke challange:
    islaminhindi.blogspot.com

    7 dharmon se sabit akhri avtar Muhammad pbuh
    antimawtar.blogspot.com

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  2. bahut saare article hain jinko main phir padhna chaahungaa. aaj to is artcle ke baare main yahi kahoonga ki aapne bahut si thayo ko bahut achhi tarah sanchhep men prastut kiya hai. vivekmuni

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