Thursday, July 9, 2009

इंटरनेट एवं टेलीफोन के संयुक्‍त बुनियाद पर “इंडिया ऑन फोन”

समय के बदलते परिप्रेक्ष्य में अधिकतम जनमानस तक पहुँचाने वाली सशक्‍त मीडीया की माँग बढ़ गई है । विगत काल में राजा के किसी आदेश की सूचना प्रजा तक पहुँचाने के लिए नगाड़ा पीटकर भीड़ जुटाई जाती थी, तदुपरान्त प्रजा को राजा के आदेश की खबर मिल पाती थी । बाद के कालक्रम में प्रिंटिंग प्रेस के आने पर समाचारपत्र एवं पत्रिकाओं का प्रकाशन शुरू हुआ फिर लाउडस्पीकर, रेडियो, टीवी, सिनेमा, आदि जैसे जनसंचार के माध्यम से विज्ञापन का विस्तृत फलक बना । टेलीफोन, पेजर, मोबाईल के बाद इंटरनेट के अभ्युदय से विज्ञापन के बाजार और पहुँच में उत्तरोत्तर प्रगति हुई । दर‍असल हम दूर तक अपनी बात प्रभावी तरीके से रखने के लिए ही विज्ञापन का सहारा लेते हैं । हालाँकि इंटरनेट का जाल वैश्‍विक स्तर पर भले ही हो परन्तु बहुत कम ही लोग (लगभग ५%) ही इस सुविधा के उपयोगकर्ता हैं । जहाँ एक ओर इंटरनेट किसी विज्ञापन या संदेश को विश्‍व तक पहुँचा सकता है वहीं कम लोगों तक पहुँच होने के कारण इसका लाभ कम ही लोगों को मिल पाता है । समाचारपत्र में भी भाषा और संस्करण अलग-अलग होने के कारण विज्ञापन का ज्यादा रिस्पांस नही मिल पाता है । इलेक्टॉनिक मीडीया के मँहगे रेटलिस्ट आम लोगों को वैसे ही अस्वीकार्य है । ऐसी परिस्थिति में आज समय की माँ ऐसे माध्यम की है जो अत्यधिक कवरेज के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा पहुँच दे सके । इसी महत्वपूर्ण विंदु को केन्द्रित कर दो अलग-अलग ध्रुवों वाले जनसंचार माध्यमों को एक साथ जोड़कर एक प्रभावी और वृहद शक्‍तिशाली मीडीया का पदार्पण हो चुका है । जिसका नाम है ः इंडिया ऑन फोन डॉट कॉम सर्वविदित है कि हर नये कॉन्सेप्ट को परिपक्व होने में समय लगता है । कोई एक ही दिन में सभी मनःमस्तिष्क पर नहीं छा जाता है । प्रारंभिक उपभोक्‍ता ही सबसे फायदे में रहता है क्योंकि उसे सबसे सस्ता टैरिफ मिल चुका होता है । जैसे-जैसे कंपनी अपनी विकासयात्रा शुरू करती है, उसी प्रकार उसके उपभोग शुल्क दर से भी वृद्धि होती रहती है । अतः हर नए उपभोक्‍ता के लिए यह सुनहरा अवसर है कि वो कम पैसे में बेहतर सुविधा प्राप्त कर सके । स्वाभाविक है जोखिम कम होने के कारण और दूरदराज तक पहुँच होने के कारण इसके उपभोक्‍ताओं में भी उत्तरोत्तर वृद्धि होगी । इसी महत्वपूर्ण तथ्यों के आलोक में दिल्ली में स्थित “होप ऑल इंफोलाईन प्रा. लि. नामक कंपनी द्वारा प्रस्तुत ऑन फोन डॉट कॉम के माध्यम से विज्ञापन के वृहद एवं नए बाजार बनाने की जी-तोड़ कोशिश अब रंग लाने लगी है । कंपनी अब अपने एसोसिएट्‌स बनाने हेतु केवल गंभीर व्यवसायियों का चुनाव कर रही है । आम जनमानस तक आपनी बात पहुँचाने और लोगों को ध्यानाकृष्ट करने हेतु विचारमंथन का सुखद परिणाम सामने आ रहा है । कंपनी ने सबसे अच्छा विज्ञापन का आधार, योजना एवं अनुमानित आँकड़ों के बल पर सन्‌ २०१० तक १ करोड़ लोगों तक पहुँचने का लक्ष्य रखा है । ज्यादा से ज्यादा पहुँच एवं दृष्टिगत होने के कारण इसकी कंपनी अग्रणी बनने जा रही है । आगे आने वाले समय में कॉरपोरेट (व्यावसायिक घरानों) को इसकी जरूरत पड़ेगी । उन्हें अपने योजनाओं को मूर्त्त रूप प्रदान करने हेतु “इंडिया ऑन फोन” की जरूरत महसूस होगी । उस समय उसके हर कदम इस कंपनी की सलाह और सहयोग पर टिकी होगी । आज भी भारत की आम जनता जहाँ इंटरनेट से परिचित नहीं है, वहीं वह “ इंडिया ऑन फोन” से भलीभाँति परिचित होगी । भविष्य में वह ब्रांडनेम बन चुका होगा । वास्तव में इंडिया ऑन फोन से जुड़ने के बाद कमानेके पर्याप्त अवसर और समृद्धि का द्धार एक साथ खुलता है । यह तो आप पर निर्भर करता है कि अपने लिए आप इस महत्वपूर्ण अवसर को कितना और कब ग्रहण करते हैं क्योंकि बाजार में धन बिखरे पड़े हैं, चुनने के लिए बस आपके दिमाग, हमारे माध्यम और दिशानिर्देश चाहिए । आप जैसे सक्षम एसोसिएट्‌स के कंधों पर ही लोगों के नजर खोलने का महत्वपूर्ण भार है । आवश्यकता है आप अन्य लोगों को दृष्टि प्रदान करें । हम सतत रूप से आपको प्रकाशित, उत्साहित, पल्लवित, पुष्पित करने के अभियान में सक्रिय रूप से लगनशील हैं । कंपनी के सिटी एसोसिएट्‌स के लिए न्यूनतम गारंटी युक्‍त पैकेज के दूरगामी परिणाम होंगे । कुल मिलाकर इंडिया ऑन फोन के बहुआयामी प्रोजेक्ट की धूम मचेगी, जिससे आम उपभोक्‍ता अब आसानीपूर्वक घर बैठे, अपने शहर से ही ज्यादा से ज्यादा जनोपयोगी सुविधाओं का लाभ प्राप्त कर सकेंगे तथा ज्यादा से ज्यादा दूर तक अपनी दस्तक दे सकेंगे । इंडिया ऑन फोन को लक्ष्य बनाकर यदि आप अपना तम-मन-धन समर्पित करते हैं तो निश्‍चित रूप से सफलता आपके कदमों को चूमेगी ।

No comments:

Post a Comment

I EXPECT YOUR COMMENT. IF YOU FEEL THIS BLOG IS GOOD THEN YOU MUST FORWARD IN YOUR CIRCLE.