Thursday, July 16, 2009
बिहार के खटीक जाति के लोगों की अनुसूचित जाति में शामिल करने की माँग
बिहार में खटीक जाति अति पिछड़ी जाति (एनेक्सचर नं०-1) के अंतर्गत आती है । दिल्ली, मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, राजस्थान, पश्चिमी बंगाल, महाराष्ट्र, हरियाणा, में खटीक जाति अनुसूचित जाति की श्रेणी में है, जबकि बिहार, झारखण्ड, आंध्रप्रदेश, और कनार्टक में अनुसूचित जाति की श्रेणी में नहीं होने के कारण इस जाति के लोगों का विकास नहीं हो पाया है । बिहार में इस जाति का मुख्य पेशा फल-सब्जी का व्यवसाय मछलीपालन, मुर्गा व सूअरपालन तथा सूअर का माँस बेचने का है । रोहतास, गया, भागलपुर, दरभंगा, में इस जाति की संख्या बहुतायत में है । वैसे पूरे बिहार में इस जाति की कुल जनसंख्या ५ लाख से ज्यादा है । आबादी छिटपुट होने के कारण एवं शैक्षिणिक पिछड़ेपन के कारण ये अपनी माँग सरकार के समक्ष सामूहिक रूप से नहीं रख पाते हैं । अशिक्षा, नशा एवं गरीबी के मामले में अनुसूचित जाति के अंतर्गत आने वाली जातियों से भी निम्न स्थिति इस जाति की है । राजनीतिक शून्यता की स्थिति यह है कि इस जाति का कोई सांसद, विधायक या पार्षद तक नहीं है । अपवादस्वरूप दरभंगा के कटहलवाड़ी से सुनील बिहारी एकमात्र वार्ड पार्षद हुए हैं । विगत वर्षों में इस जाति के समस्याओं का माँगपत्र राष्ट्रपति प्रधानमंत्री, राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं केन्द्र व राज्यसरकार के मंत्रीगणों के पास भी भेजी गई पर स्थिति जस की तस ही है । अनुसूचित जाति की श्रेणी में आने से अन्य प्रदेशों की भाँति इस पिछड़े प्रदेश में भी इस जाति के पिछड़ेपन में अवश्य बदलाव आएगा । अभी हाल में बिहार के मुख्यमंत्री नीतिश कुमार ने अति पिछड़ा वर्ग आयोग के गठन की घोषणा की है परन्तु उसमें खटीक जाति का प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया है जो दुःखद है ।
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ye waqai dard hain hi iske liye sochna chahiye, samaj ko sangarsh karna chaiye or hariyana ke gujjar aandolan se sikh leni chahiye
ReplyDeleteJab Bihar pradesh ki seema se sate Uttar Pradesh me yah vyavastha lagoo hai. To Bihar ke khtik samaj ki stithi to apne Uttar pradesh se achchhi nahi hai.Is pahloo ko dhyan me rakhte hue Bihar Sarkar ko is disha me sakaratmak kadam nishchit roop se uthana chahiye.ANIL SONKAR.
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