१)शेक्सपियर के बड़े घर का बागीचा.
२) अभिनेत्रियाँ शेक्सपियर के एक नाटक का
एक टुकड़ा प्रस्तुत करते हुए .
३) उस कमरे की खिड़की जहाँ शेक्सपियर का जन्म हुआ.
यूनाइटेड किंगडम के बिर्मिन्ग्हम के पास एक क़स्बा stradford upon Avon । महान लेखक शेक्सपियर की जन्म स्थली ,जहाँ उन्होंने जन्म लिया ,स्कूली शिक्षा ली, शादी की और आख़िर में शरीर भी त्यागा । आज हालाँकि ये शहर किसी भी विकसित और आधुनिक शहर से कम नहीं परन्तु इस महान लेखक की यादें और १५-१६ वीं सदी की जीवन क्रिया की छाप चप्पे -चप्पे में दिखाई पड़ती है । यहाँ की सड़कों पर चहल कदमी करते समय tudor समय काल में पहुँच जाने का एहसास होता है । विलियम शेक्सपियर का घर ,उनकी बेटी दामाद का घर,और वो स्थान जहाँ विलियम ने आखिरी साँस ली और उन्हें दफनाया गया । सभी स्थानों का भ्रमण करते -करते , १५ वीं सदी का सारा माहौल जेसे नजरों के सामने जीवंत हो उठता है ।
सबसे पहले बात शेक्सपियर के जन्म स्थान की।- एक स्थानीय लकड़ी का बना ,जिसे उनके पिता जौन और माँ मैरी द्वारा १५२९ में खरीदा गया था, जिसके हर कमरे में शेक्सपियर की जिन्दगी से जुड़े सवाल और उनके जवाब मिलते हैं।
निचली मंजिल पर -शुरूआत होती है एक छोटे से कमरे से जो कभी एक अलग घर हुआ करता था जिसमें उनकी बहन उल्यामा जौन हार्ट रहा करती थीं. और उसके बाद आता है शेक्सपियर का पारिवारिक अतिथि कक्ष ,जिसे उसी रूप में संरक्षित किया गया है जैसा की वो १५७० में रहा होगा, जब शेक्सपियर के पिता शहर के नामी दस्ताने बनने वालों में गिने जाते थे । पुराने पहने हुए एतिहासिक कपड़े,उनके द्वारा इस्तेमाल किए हुए बर्तन,वही पलंग और वही फर्नीचर और उपकरण,और दीवारों पर वाल पेपर की जगह लिनेन जैसे कलात्मक कपड़े का इस्तेमाल कोरिडोर के पास उनके पिता का एक कार्य कक्ष भी है जिसकी खिड़की ग्राहकों के लिए बाहर मुख्य सड़क पर खुलती थी।
रसोई घर और खाने का कमरा।- जहाँ परिवार के सभी सदस्य खाने के लिए एकत्रित होते थे । खाने की मेज उस समय प्रयोग होने वाले सभी साधनों से सजी थी, और पास ही अग्नि स्थान पर मांस को आग के ऊपर टांग कर पकाया जाता था।
दूसरी मंजिल के कमरे - खासकर परिवार के सदस्यों के शयन कक्ष थे । जहाँ एक कमरे में विलियम की बहन और दूसरे कक्ष में विलियम अपने भाई के साथ सोते थे । वह कमरा जो उनके माता -पिता का शयनकक्ष समझा जाता है आजकल म्यूजियम के तौर पर उपयोग किया जाता है जहाँ सभी बड़े बड़े लोगों ने आकर अपने हस्ताक्षर किए हैं।
अब वह कमरा आता है जहाँ इस महान हस्ती ने जन्म लिया ..इस शयन कक्ष में उस समय काल का पालना ,खिलौने आदि रखे मिलते हैं और वो पलंग जिसके साथ ही एक और छोटा पलंग निकाला जाता था जिसपर नए पैदा हुए बच्चे को माँ के साथ सुलाया जा सके।
आख़िर में घर के बहार का बगीचा जहाँ १६ वीं सदी के उन नायाब पौधों और हर्ब को देखा जा सकता है जिनका वर्णन हमें शेक्सपियर की रचनाओं में मिलता है।
समझा जाता है की ये घर १९ वीं सदी तक शेक्सपियर के वंशजों के पास था, फ़िर ये अतीत की बात हो गई और इसे शेक्सपियर ट्रस्ट को सौंप दिया गया।
यहाँ से कुछ दूरी पर है शेक्सपियर की बेटी सुसाना और उनके प्रसिद्ध डाक्टर पति जौन हाल का घर ,जिसमें बाकी सभी जरुरत के कक्षों के अलावा है, उनका परामर्श कक्ष जहाँ उस समय प्रयोग होने वाले सभी मेडिकल उपकरण और किताबों को देखा जा सकता है । घर के बाहर है, एक बगीचा जिसमें उन हर्ब और खुशबू वाले पोधों को लगाया गया है जिन्हें वह अपनी दवाइयों में प्रयोग करते थे।
अब बारी आती है उस स्थान की जहाँ शेक्सपियर की कहानी ख़त्म होती है....एक आलिशान घर जिसे विलियम ने प्रसिद्धि पाने के बाद खरीदा और अपने आखिरी दिन बिताये ,स्टार्टफोर्ड का दूसरा सबसे बड़ा घर मन जाता है।
एक बहुत ही शेक्सपियर कालीन ढंग से सजा वृहद् बगीचे वाले इस घर में विलियम शेक्सपियर ने १६१६ में अपनी आखिरी साँस ली ।
इसके अलावा यहाँ है - अन्ने हाथ्वास कॉटेज -जिसे शेक्सपियर की पत्नी अन्ना का पैत्रिक निवास स्थान बताया जाता है।
मेरी अर्देनं फार्म - जहाँ आप २००९ से १५७० में अचानक पहुँच जाते हैं ।
और है पूरा शहर घूमने के लिए Avon नदी पर नाव की सैर .......इतना कुछ है यहाँ की समय की पाबन्दी महसूस होने लगती है और आगंतुक लौट जाते हैं । विलियम शेक्सपियर की यादों को अपने सीने में संजोये और नमन करते हुए उस महान लेखक को जिसने अपनी छोटी सी जिन्दगी में साहित्य की दुनिया में इतिहास रच डाला।
शिखा वार्श्णेय्
Monday, December 7, 2009
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