Thursday, October 1, 2009
राजनीति की पाठशाला : एक नई पार्टी की नई पहल
राजनीति की पाठशाला
क्यों ?
राष्ट्र इस समय एक गंभीर राजनैतिक संकट से गुजर रहा है । हमें एक नए लीडर की सख्त जरूरत है जो नागरिकों को आदर और आत्म सम्मान दिला सके जो देश का हित अपने हित से उपर रख सके । राष्ट्रवादी चिन्तन और राष्ट्रनिर्माण के लिए हमें युवाओं की शत्-प्रतिशत भागीदारी सुनिश्चित करना होगा, क्योंकि आज की परिस्थितियों में राष्ट्र का निर्माण युवा हाथों से ही संभव है । अतः राजनीतिक शिक्षा ही इसका एक सशक्त माध्यम है ।
कैसे ?
हर देश की आत्म कहानी उनके नागरिकों के सुकर्मों- कुकर्मों से लिखी जाती है । अपने पाँव पर खड़े होने की कीमत चुकानी पड़ती है और घुटनों को टेककर जीने की भी कीमत चुकानी पड़ती है । फैसला आपका है- अत्याचार और अन्याय का विरोध न करना उसे बढ़ावा देना है । यह उन निष्ठावान लोगों का संगठन है जो उसूलों और सिद्वान्तों के आधार पर दुबारा से देश को अपराध, अन्याय, भ्रष्टाचार और गरीबी से आजाद कराने के लिए उतरे हैं ।
युवाओं को चुनाव लड़ने के लिए तैयार करना और उनको राजनीतिक प्रशिक्षण देना गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों की शत्-प्रतिशत राजनीति में भागीदारी सुनिश्चित करना हमारा एक मात्र लक्ष्य है । हमारा मानना है, कि राजनीति की पाठशाला माध्यम है लाखों युवाओं की राजनीतिक योग्यता एवं उनकी महत्वाकांक्षाओं को सम्मान मिल सकेगा जो धनबल एवं बाहुबल के अभाव में अपने सपनों का गला घोटते हैं । इसीलिए भ्रष्ट एवं बेईमान लोग हम पर शासन करते हैं ।
बूथ स्तर पर प्रबन्धन, पंचायत स्तर पर प्रबन्धन, विधान सभा, लोक सभा इत्यादि पर चुनावी प्रबन्धन के माध्यम से चुनाव खर्चों को कम कर आम नागरिक एवं अच्छे लोगों को चुनाव लड़ने के लिए तैयार करना है ।
किसके लिए ?
हर सच्चा नागरिक सुख-समृद्धि और सुरक्षा से जीना चाहता है,इसके लिए आवश्यक है कि हम कायरता छोड़े अत्याचार एवं अन्याय के खिलाफ खड़े हों ।
यह देश भक्त लोगों के चयन का एक माध्यम है। उन्हें आगे लाकर आगे लाकर हमें अपने वास्तविक लक्ष्य को प्राप्त करना है। हमारा वास्तविक लक्ष्य युवा हाथों को मजबूत कर उनके लिए १०० प्रतिशत रोजगार की व्यवस्था सुनिश्चित करना है तथा आम आदमी जो गरीब है उसकी प्रति व्यक्ति आय को ५०० गुना बढ़ा कर उसकी क्रय क्षमता बढ़ानी है क्योंकि आर्थिक तरक्की ही गरीबी से छुटकारा का एक मात्र माध्यम है । स्वालम्बन की भावना को जागृत कर प्रत्येक व्यक्ति को आर्थिक आधार पर समृद्ध करने का मंत्र है राजनीति की पाठशाला ।
राजनीति का सामाजीकरण
राजनीति का अपराधीकरण जिस तरह से विगत वर्षों में हुआ है तथा हमारे रहनुमाओं ने जिस तरह से देश की सामाजिक सभ्यता को तार-तार किया है उसकी वजह से समाज में जातिगत आधार पर द्वेष एवं घृणा बढ़ी है तथा इस पीड़ा से हम सभी भली-भाँति अवगत है आज जरूरत है कि राजनीति के समाजीकरण पर बल दिया जाय ताकि देश में असमानता खत्म हो । हम सभी निष्ठावान लोग जो देश हित को व्यक्तिगत हित से उपर रखते हैं, वो भारत के प्रत्येक नागरिक को आदर एवं आत्म सम्मान दिला सकें ।
चिन्तन से परिवर्तन
स्वामी रामदेव (योग गुरू) - मैं देश में मानसिक परिवर्तन चाहता हूँ।
श्री अर्जुन नारायण देव (नेता बी. आर.एस.पी) - समर्पण एवं अनुशासन नेता बना सकते हैं।
श्री शिव खेड़ा (पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बी. आर.एस.पी) - शिक्षा एवं न्याय के माध्यम से ही आजादी संभव है।
श्री संदीप दूबे (राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष बी. आर.एस.पी) - मध्यम वर्ग के लोग भी नेता बन सकते हैं।
श्री मनोज पंडित (राष्ट्रीय युवा महासचिव बी.आर.एस.पी) - भारत का निर्माण युवा हाथों से ही संभव है ।
संजय पाण्डेय (राष्ट्रीय युवा सचिव बी.आर.एस.पी) - नेता जनता के नौकर हैं ।
इंजी. चन्द्र कान्त त्यागी (राष्ट्रीय महासचिव बी.आर.एस.पी.) -भारत के कुशासन को सुशाशन में बदलने के लिए युवाओं की भागीदारी आवश्यक है ।
श्री सुरेश मुद्गल (दिल्ली प्रदेश उपाध्यक्ष बी. आर.एस.पी.) - देश में राजनीति के सामाजीकरण की आवश्यकता है।
डा. संगीता बोरसे (युवा उपाध्यक्ष बी. आर.एस.पी) - सर्वप्रथम अपने आप को बदलो।
श्री राकेश कुमार सामा (नेता बी. आर.एस.पी.)-युवाओं के स्थिति में सुधार हुए बिना भारत का कल्याण संभव नहीं ।
श्री आर. के. जैन (नेता बी. आर.एस.पी.) - युवाओं को अपने मौलिक अधिकार समझने होंगे ।
श्री आर. के. टन्डन (नेता बी. आर.एस.पी.) - भ्रष्टाचार निवारण के लिए युवा ही देश में माहौल तैयार कर सकता है ।
श्री अवतार सिंह (नेता बी. आर.एस.पी.) -जनता को जागरूक बनना होगा, तभी उसके अधिकार सुरक्षित रह सकते हैं ।
श्री आर. के. गोयल (नेता बी. आर.एस.पी) - समानता के लिए जाति विहीन राजनीति का होना आवश्यक है ।
श्री अमित चौधरी (नेता बी. आर.एस.पी.)- संविधान में प्रदत्त समानता के मौलिक अधिकारों के रक्षार्थ राष्ट्रीय स्तर पर जनान्दोलन युवा ही खड़ा कर सकता है।
श्री गोपाल प्रसाद (सम्पादक, समय दर्पण) - वंशवाद में जकड़ी भारतीय राजनीति को मुक्त करना होगा ।
भारतीय राष्ट्रवादी समानता पार्टी के उद्देश्य
* राष्ट्र की एकता एवं अखण्डता को बनाए रखना ।
* अच्छे कानून एवं अच्छे लोगों के माध्यम से अच्छी सरकार लाना ।
* भ्रष्टाचार को पैदा करने वाले कारणों को मिटाकर भ्रष्टाचार समाप्त करना ।
* मानवीय एवं प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करके सभी नागरिकों के जीवन की गुणवत्ता को सुधारना ।
* सभी नागरिकों को बेसिक शिक्षा, जीवनयापन, एवं गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना ।
* समाज में विभाजन को रोकने के लिए जाति आधारित आरक्षण को समाप्त करने के लिए संकल्पित होना
* समाज के योग्य वर्ग के सुधार के लिए आर्थिक आधार पर “सकारात्मक एक्शन” प्रणाली स्थापित करना ।
* सभी नागरिकों, विशेषकर आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए समान अवसर स्थापित करना ।
* अवसरवादियों द्वारा अपने निहित स्वार्थ के लिए सांत्वना की नीति को खत्म करने के लिए दृढ़ रहना ।
* राष्ट्र की अनन्त समस्याओं के अन्त के लिए प्रभावी राष्ट्रीय जनसंख्या नियंत्रण नीति को अपनाने के लिए कार्य करना ।
* अवैध घुसपैठिए जो हमारे नागरिकों की जीविका छीन रहे हैं तथा देश के लिए खतरा बने हुए हैं, को वापस भेजना ।
* भारत को सार्वभौमिक रूप से मजबूत बनाने के लिए स्वतंत्र विदेश नीति अपनाना ।
* आतंकवाद एवं सीमा पार घुसपैठ से निपटने के लिए एक प्रभावी एवं व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा नीति लाना ।
* साक्ष्य सुरक्षा योजना एवं त्वरित न्याय पर जोर देकर आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के लिए कार्य करना ।
* राजनीति के अपराधीकरण को समाप्त करना एवं चुनावी सुधार लाना ।
* समान सिविल संहिता जैसा कि भारत के संविधान के अनुच्छेद ४४ में वर्णित है को सुनिश्चित करना ।
* चरित्र निर्माण को समाहित करते हुए प्रभावी शिक्षा नीति द्वारा युवाओं का भविष्य सुरक्षित करना एवं भारत को वैश्विक नेता बनाने के लिए उनकी शक्ति का उपयोग करना ।
* कृषि जिस पर भारत की अधिकतम जनसंख्या आश्रित है, को लाभ का व्यापार बनाने के लिए हमारे किसानों को सम्पन्न बनाने के लिए एक नई कृषि नीति को लाने के लिए कार्य करना ।
* नियत-समय आधार पर आधारित संरचना बनाना एवं सामूहिक रोजगार अवसर सृजित करना एवं जीवन की गुणवता सुधारना ।
* किसी क्षेत्र विशेष में आधारिक संरचना के अत्यधिक भार को कम करने के लिए देश के सभी के सभी क्षेत्रों में संतुलित विकास सुनिश्चित करना ।
* व्यापक राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति लाना ।
* समान अवसर देकर स्त्रियों का सशक्तिकरण ।
* पर्यावरण सुरक्षा ।
* ऊर्जा स्व-निर्भरता ।
* देश के प्रशासन में सकारात्मक परिवर्त्तन लाने के लिए सभी अन्य प्रासंगिक एवं परिणामिक कार्य करना ।
(गोपाल प्रसाद )
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