Thursday, October 1, 2009

शाबास युगरत्ना, देश को नाज है तुम पर

अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा से मिलने की युगरत्‍ना श्रीवास्तव की हसरत भले ही पूरी नहीं हो सकी परन्तु उसने अपने पिता डॉ० आलोक श्रीवास्तव को न्यूयॉर्क से लखनऊ फोन करके कहा- “पापा, एक दिन जरूर ऐसा आएगा जब जलवायु परिवर्त्तन की मेरी थ्योरी थीसिस वर्ल्ड के लोग सहमत होंगे । डॉ. श्रीवास्तव ने मोबाईल पर अपनी बिटिया की हौसला आफजाई की । उसके भाषण को सेंट फेडरिल विद्यालय के शिक्षकों और उसके सहपाठियों ने भी सुना । विद्यालय की शिक्षिका डेजी प्रसाद के अनुसार युगरत्‍ना इतनी ज्यादा प्रतिभाशाली है, यह हमें अब मालूम पड़ा । लखनऊ में कई संस्थाओं ने युगरत्‍ना को सम्मानित करने का निर्णय किया है । मात्र १३ साल की उम्र में संयुक्‍त राष्ट्र (यूएन) सम्मेलन को संबोधित करनेवाली युगरत्‍ना को उत्तरप्रदेश सरकार सम्मानित करेगी । राज्य के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ. राकेशघर त्रिपाठी ने कहा है कि बालिका और उसके माता-पिता को सम्मानित किया जाएगा । उन्होंने कहा कि युगरत्‍ना ने देश, प्रदेश और लखनऊ का गौरव बढ़ाया है । युगरत्‍ना के पिता आलोक श्रीवास्तव लखनऊ के अलीगंज स्थित सुभाष चंद बोस पोस्टगेजुएट कॉलेज में वनस्पतिशास्त्र के रीड़र है । तेरह साल की भारतीय बालिका युगरत्‍ना ने दुनियाँ के तीन अरब बच्चों की ओर से आवाज उठाते हुए विश्‍व नेताओं से जलवायु परिवर्त्तन पर तुरंत कदम उठाने की अपील की है । जूनियर बोर्ड रिप्रेजेन्टेटिव के तौर पर युगरत्‍ना ने न्यूयॉर्क में संयुक्‍त राष्ट्र के सम्मेलन के उद्‌घाटन सत्र को संबोधित कर इतिहास रच दिया । जलवायु परिवर्त्तन के मुद्‌दे पर विचार करने के लिए जुटे दुनियाँ भर के नेताओं को भारत की १३ वर्षीय लड़की युगरत्‍ना श्रीवास्तव ने संबोधित किया । विश्‍व के तीन अरब बच्चों का प्रतिनिधित्व करते हुए युगरत्‍ना ने कहा “वैश्‍विक रूप में एक हरित कार्यकर्त्ता के रूप में जो जलवायु परिवर्त्तन और सतत विकास के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए प्रयासरत हूँ । मैं जलवायु परिवर्त्तन को लेकर बेहद चिंतित हूँ । आज समय आ गया है कि ठोस कदम उठाए जाएँ और कोपेनहेगेन में एक संधि पर सहमत बनाई जाए क्योंकि मैं नहीं चाहती कि आनेवाली पीढ़ी वही प्रश्न पूछे जो आज मैं आपसे कर रही हूँ ।
युगरत्‍ना के पास विश्‍व के नेताओं से पूछने के लिए कई सवाल थे । उसने कहा, हिमालय की बर्फीली चोटियाँ पिघलती जा रही है । ध्रुवीय भालुओं की जान पर खतरा बढ़ता जा रहा है । हर पाँच में से दो लोगों को पीने का साफ पानी नहीं मिलता । धरती का तापमान बढ़ रहा है । फसलों की उत्पादन क्षमता में लगाकर कमी आ रही है । प्रशांत महासागर के जलस्तर में वृद्धि हो रही है । क्या हम आनेवाली पीढ़ी को ये समस्याएँ भेंट में देना चाहते हैं ? लखनऊ के एक स्कूल में कक्षा नौ की छात्रा युगरत्‍ना ने जोश और आत्मविश्‍वास से भरी जब भाषण दे रही थी तब खचाखच भरे सदन में मौजूद १०० से ज्त्यादा देशों के प्रतिनिधियों में सन्नाटा व्याप्त था । इस मौके पर यूएन महासचिव बान की मून, अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा, चीन के राष्ट्रपति हू जिंताओं, भारत के विदेशमंत्री एस. एम. कृष्णा सहित कई अन्य नेता मौजूद थे ।
एस्ट्रोफिजिक्स में कैरियर बनाना चाहती है युगरत्‍ना ः
न्यूयॉर्क में संयुक्‍त राष्ट्र महासभा के सम्मेलन में ग्लोबल क्लाइमेंट पर भाषण देनेवाली युगरत्‍ना एस्ट्रोफिजिक्स में कैरियर बनाना चाहती है । उसके पिता डॉ. आलोक श्रीवास्तव को बेटी की इस उपलब्धि पर गर्व है, लेकिन उनका कहना है कि पर्यावरण पर काम करना, भाषण देना यह सब उसकी एकस्ट्रा एक्टिविटी में शामिल है । उसके पसंदीदा विषय है कंप्यूटर और गणित । उन्होंने बताया कि युगरत्ना हमेशा से टॉपर रही है लेकिन न्यूयॉर्क में भाषण देने के लिए जब न्योता आया तो युगरत्‍ना को नवीं कक्षा की पाँच परीक्षाएँ छोड़नी पड़ी । यह अलग बात है कि सेंट फेडलिस स्कूल ने उसके लिए अलग से परीक्षा कराने की छूट दे दी है । वास्तव में युगरत्‍ना ने देश, प्रदेश एवं लखनऊ का ही नहीं बल्कि तमाम युवावर्ग व महिला वर्ग तथा प्रतिभाशाली व्यक्‍तित्व का नेतृत्व किया है । अतः इन सबों की ओर से उन्हें कोटिशः बधाई ।
(- गोपाल प्रसाद )

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