Saturday, October 31, 2009
सत्यमेव जयते के साथ खिलवाड़
भारतीय राष्टवादी समानता पार्टी के युवा शाखा ने अधिकांश संदर्भो में राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ के नीचे सत्यमेव जयते न होने पर तीव्र आक्रोश जताया है । सरकार द्वारा इस संबंध में अबतक समुचित कारवाई न किए जाने पर थू- थू आंदोलन चलाने की घोषणा की है । बीआरएसपी यूथ द्वारा आयोजित नई दिल्ली स्थित प्रेस क्लब में पार्टी के युवा शाखा के संरक्षक एनआरआई इंजीनियर रमेशच्न्द्र गठौरिया ने कहा कि मैं अपनी लड़ाई लड़ते-लड़ते थक गया हूँ । भारत सरकार को देश की अस्मिता से कोई लेना देना नही है । सब मैं सत्यमेव की लड़ाई चाणक्य बनकर लड़ना चाहता हूँ । उन्होंने कहा कि जब तक मेरी आत्मा मेरे शरीर का साथ देगी तब तक मैं यह लड़ाई लड़ता रहूँगा । मेरा जन्म भारत में हुआ है और यह राष्ट्र मेरी मां है । भले ही मैं एनआरआई हूँ पर मेरा दिल इस वतन के लिए ही धड़कता है । श्री गठौरिया ने कहा कि राष्ट्रपति को लिखे ज्ञापन में जबलपुर हाईकोर्ट के आदेश की प्रति सौंपी गई है जिसमें कोर्ट ने सत्यमेव जयते को देवनगरी लिपि में अशोक चिन्ह के नीचे लिखना अनिवार्य किया है । उन्होंने कहा कि मैं जब भी किसी बड़े नेता या अधिकारी से मिला सभी ने मेरी तारीफ की पर एक देश के लिए जो जरूरी था, वह किसी ने नहीं किया । सिर्फ आश्वासन दिया, किसी ने अपनी ओर से पहल नहीं की, इसका मुझे दुख है । बीआरएसपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल तेजेन्द्रपाल त्यागी ने कहा कि सत्यमेव जयते का हम भारतीय के मन में अमिट छाप व पवित्र स्थान है । इंटरनेट व सरकारी पत्रिकाओं व समाचारों के अंदर राष्ट्रीय चिन्ह की अवमानना एक गंभीर अपराध है । श्री त्यागी ने कहा कि यदि आम आदमी इसकी अवहेलना करता है तो उसे ५ हजार रूपए जुर्माना और दो साल की सजा का प्रावधान है परन्तु देश के रहनुमा और पढ़े-लिखे लोग ही कानून तोड़ रहे हैं तो विश्वास किस पर किया जाय ? एक एनआरआइ हमारे लिए अमेरिका से आकर वर्षों से लड़ रहा है । हमें उनकी लड़आई को अपनी लड़ाई समझकर लड़ना होगा । कर्नल त्यागी ने कहा कि जब राष्ट्र विषय स्थिति में ही तो राष्ट्रधर्म सभी धर्मों से उपर है । अब हमें एक होकर नयी आजादी का शंखनाद बाबा रामदेवजी के नेतृत्व में करना है ।
-गोपाल प्रसाद
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