Monday, October 26, 2009

अमेरिका में भारत, बिहार और मिथिला को प्रतिष्ठित किया संजय झा ने


बिहार के मधुबनी जिले में १९६३ में जन्मे संजय झा अमेरिका में सबसे ज्यादा वेतन पाने वाले मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) हैं । इंजीनियरिंग में बीएसपी की डिग्री ब्रिटेन के लीवरपूल विश्‍वविद्यालय से हासिल करने वाले झा ने अपनी बौद्धिक कुशलता के बल पर स्कॉटलैंड से इलेक्ट्रॉनिक एंड इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में ही पीएचडी की उपाधि प्राप्त की । इंजीनियरिंग कंपनी क्वालकॉम में १९९४ से अपने जीवन कार्य की शुरूआत करने वाले झा ने कंपनी के लिए आधुनिक मॉडेम व सेल साइट चिपसेट तैयार करने में प्रमुख भूमिका निभाई । अभियांत्रिकी सोच के अद्‌भुत धनी झा २००५ में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री एसोसिएशन के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स चुने गए ।
संजय झा ने फेबलेस सेमीकंडक्टर एसोसिएशन के वाईस चेयरमैन के रूप में भी कार्य कर अपनी क्षमता का परिचय दिया । झा ने प्रारंभ में सेन डिएगो में बुक ट्री कॉर्पोरेशन और जीईसी रिसर्च लैब लंदन में भी कार्य किया है । परन्तु इनकी अभियांत्रिकी प्रतिभा में असली निखार तो क्वालकॉम जैसी कंपनी में कार्य करके ही आया ।
संजय झा सीईओ, मोटोरोला
मोटोरोला में अपने कदम रखने से पहले झा क्वालकॉम के सीईओ पद पर नियुक्‍त थे । मोटोरोला में को-सीईओ तथा मोबाइल डिवाइस बिजनेस के सीईओ के रूप में वर्तमान में कार्य कर रहे झा को २००८ में, 10,44,45,529 डॉलर का वार्षिक वेतन प्राप्त हुआ । इतना बड़ा वेतन ही इनको विश्‍व के जनमंच में एक अलग व विशिष्ट स्थान दिलाता है । उनके वेतन का आंकड़ा यह भी बताता है कि अमेरिका के विकास में भारतीयों का योगदान उल्लेखनीय है । झा की तरह ही कई अन्य भारतीय भी अमेरिका में अपनी बौद्धिक कला कौशल का परिचय दे रहे हैं । भारतीय रूपए के हिसाब से झा के वेतन का आंकड़ा प्रतिवर्ष लगभग ५०० करोड़ बैठता है । झा का विवाह १९९१ में हुआ और वर्तमान में इनके तीन बेटे हैं । बिहार से निकलकर अमेरिका के व्यवसाय जगत की बुलंदियों पर पहुंचकर झा ने जो मुकाम हासिल किया है, वह औरों के लिए एक प्रेरणा हो सकती है ।
- शरद मिश्र

1 comment:

  1. जिसे आप गौरव की दृष्टि से देखते है ,उसे मैं अपनी नजरिया से देखता हूं –किसी भारतीय को अमेरिका में प्रतिवर्ष 500 करोड मिलना और ऐसे लोग भारतवासी होते हुए भी विदेशीयों का सेवा करना ,जिस अमेरिका ने भारत वर्ष को कमजोर करने की सारी षड़यंत्र रचती है ,पाकिस्थान को मदद करके भारत के खिलाफ लड़ाती है ,ऐसी देश की सेवा करना कोई बुद्धिमानी नहीं कहा जा सकता है,चाहे कितने ही बडे ओहदे में पहुंचा हो वह व्यक्ति मेरे देश के एक नागरिक से बड़ा नहीं हो सकता हैं !


    जरा बताने का कष्ट करें कि श्री झा जी 500 करोड़ रूपये सालाना कमा कर मेरे देश में कोई उल्लेखनीय कार्य किया हैं क्या ? कोई हॉस्पिटल ,कोई पाठशाला ,या अन्य सेवा सम्बन्धी कार्य ...................या अपने ही हुनर द्वारा देश में कोई इलेक्ट्रॉनिक सेवा आदी ...................!!!

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