Friday, November 6, 2009

वेबसाईट तो है पर देखेगा कौन?

सूचना तकनीक का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है । सब कुछ हाईटेक होता जा रहा है । सरकारी एवं गैरसरकारी सभी विभागों को धीरे-धीरे कम्प्यूटराईज्ड किया जा रहा है ताकि समन्वय और पारदर्शिता कायम हो सके । आज अपने या अपने विभाग/कंपनी के बारे में हर कोई वेबसाईट के माध्यम से भी जानकारी दे रहा है ताकि उससे संबंधित जानकारी कोई भी प्राप्त कर सके, परन्तु क्या केवल वेबसाईट बना देने भर से काम समाप्त हो जाएगा? सर्च इंजन काफी वेबसाईटों को नहीं दिखा पाते या सबसे अंत में दिखाते हैं । अगर आप चाहते हैं कि आपके बेवसाईट को दिखाने में सर्च इंजन प्राथमिकता दें तो आपको कुछ और भी तैयारी करनी पड़ेगी । अपने वेबसाईट पर ज्यादा से ज्यादा हिट्‌‍स बढ़वाने हेतु आपको बल्क एस.एम.एस. और बल्क ईमेल प्रोग्राम से जुड़ना पड़ेगा ताकि अधिकतम लोगों तक आप अपने बेवसाईट की उपयोगिता के बारे में बता सकें । इस प्रचार में सोशल कम्युनिटी की वेबसाईट (ऑर्कुट, फेसबुक, ट्विटर, नेटलॉग आदि) भी काफी उपयोगी हो सकता है । आपकी ड्रॉफ्टिंग काफी सरल एवं संक्षिप्त हो यह अवश्य ध्यान दिया जाना चाहिए । इसके साथ ही अलग-अलग लिंक को कॉपी पेस्ट कर भी ड्राफ्ट नोट में शामिल करें ताकि कोई भी लिंक पर क्लिक करके आपके वेबसाईट पर आसानी से पहुँच सके ।

युवा जगत ही नहीं अन्य वर्गों में भी सोशल कम्युनिटी वेबसाईटों का आकर्षण बढ़ा है । सर्वप्रथम अपना आकर्षक और वास्तविक संक्षिप्त प्रोफाइल बनाकर सोशल कम्युनिटी वेबसाईट‌स से जुड़ें और अपने दोस्तों की श्रृंखला तैयार करें । यही कनेक्टिविटी आपके बातों को दूर तक पहुँचाने में मददगार होगी । इसके माध्यम से शिक्षा-कैरियर, शादी, व्यापार, मनोरंजन समाजसेवा व ज्ञानवर्द्धक जानकारियों का आदान-प्रदान सरल हो जाता हैऔर आपके दायरे का विस्तार होता है । आज ब्लॉगिंग पत्रकारिता की नई विधा के रूप में उभर चुका है । सभी क्षेत्र से जुड़े लोग ब्लॉगिंग करते हैं । ब्लॉगिंग वास्तव में अपनी अभिव्यक्‍ति का एक स्वतंत्र माध्यम है । पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़े अधिकांश व्यक्‍तियों के ब्लॉग हैं । आज किसान, व्यापारी, वकील, राजनीतिज्ञ, खिलाड़ी, प्रोफेसर, डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक आदि लोगों के भी अपने-अपने ब्लॉग हैं । ब्लॉगिंग के माध्यम से संपर्क, समन्वय, आदान-प्रदान तथा अपनी कमजोरी की जानकारी व आत्मशक्‍ति के स्त्रोत में बढोत्तरी ही होती है । आपकी बात वैश्‍विक पैमाने पर अभिव्यक्‍त होने से अधिक से अधिक लोगों को तो लाभ मिलता ही है, साथ ही नई-नई जानकारियाँ भी प्राप्त होती हैं । लालकृष्ण आडवाणी, शशि थरूर, अमिताभ बच्चन, शाहरूख खान आदि भी ब्लॉगिंग हेतु समय निकाल ही लेते हैं । समय के अनुसार हर कुछ बदलता रहता है । मीडिया के पूर्णरूपेण व्यावसायिक होने तथा जनसरोकारों से कुछ मायनों में किनारा करने के कारण तो ब्लॉगिंग का महत्व और अधिक बढ़ गया है । डोमेन रजिस्ट्रेशन में हिंदी के जुड़ जाने से हिन्दी ब्लॉगरों का महत्व काफी तेजी से बढ़ेगा क्योंकि हिंदी जानने वाले इंटरनेट उपयोगकर्ताओं की संख्या अंग्रेजी की तुलना में कई गुना ज्यादा है । अतः समय की माँग है कि आप अपनी बात रखने हेतु केवल वेबसाईट ही नहीं बल्कि ब्लॉग पर भी रखें । इससे आपके संपर्क का दायरा और अधिक विस्तृत होगा ।

आईटी जगत के बहुत सारी कंपनी आपके वेबसाईटों को प्रचार-प्रसार के लिए ही काम करती है ताकि सर्च इंजन आप वेबसाईट को दिखाने में प्राथमिकता दें । उदाहरणस्वरूप : दिल्ली स्थित प्रमुख आईटी कंपनी “नर्मदा क्रिएटिव प्रा० लि०” आपके वेबसाईट पर ट्रैफिक बढ़ाने हेतु दृढ़ संकल्पित है । नए वेबसाईट बनाने, वेबसाईट के मेंटनेंस व वेबसाईटों के प्रचार-प्रसार व वेबसाईट कंटेट राइटिंग के क्षेत्र में यह कंपनी तेजी के साथ आगे बढ़ रही है । हिंदी या अंग्रेजी दोनों भाषाओं में वेबसाईटों पर कंटेट राइटिंग के लिए आप इस कंपनी www.narmadacreative.com पर संपर्क कर सकते हैं । इस कंपनी द्वारा समय दर्पण नामक हिंदी मासिक पत्रिका www.samaydarpan.com पर पढ़ सकते हैं । वैचारिक क्रांति हेतु अग्रसर 9 अंकों के सफल प्रकाशन के साथ यह पत्रिका अपनी लोकप्रियता के नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है । आज इस पत्रिका पर करोड़ों हिट्‌स हो चुके हैं क्योंकि हजारों मेल आईडी पर इसके प्रकाशन की सूचना नियमित भेजी जाती है ।

कहने का तात्पर्य यह है कि वेबसाईट के क्षेत्र में सुविचारित योजना एवं तंत्र विकसित करते हुए वेब प्रमोशन हेतु तत्पर रहते हैं तभी पूर्ण सफलता की कामना कर सकते हैं । अपनी बात रखने हेतु आपका प्रजेन्टेशन, अधिकाधिक लोगों तक पहुँच, ईमेल आईडी का संग्रह, नियमित संवाद व क्वालिटी में दम रहने की अनिवार्यता के नियमों का यदि आप पालन करें तभी आपके वेबसाईट की सही मायने में उपयोगिता कही जाएगी । प्रायः यह देखा जाता है कि लोग बेवसाईट तो बना लेते हैं मगर वह वेबसाईट बहुत रूक-रूक कर चलता है या उसके कई लिंक काम ही नहीं करते हैं जिससे उपयोगकर्त्ता के मन में खिन्‍नता हो जाती है और वह उस वेबसाईट पर रहना समय की बर्बादी मानने लगता है । सबसे महत्वपूर्ण बात यह भी है कि उस वेबसाईट पर इंफॉमेर्टिंक क्या है और उसके कंटेट राइट‍अप में कितना दम है । यदि कंटेट में दम रहेगा तभी आकर्षण रहेगा ।
-गोपाल प्रसाद

1 comment:

I EXPECT YOUR COMMENT. IF YOU FEEL THIS BLOG IS GOOD THEN YOU MUST FORWARD IN YOUR CIRCLE.