Monday, November 2, 2009

ईमानदार एक क्यों नहीं हो सकते?




बी.आर.एस.पी. भारतीय राष्ट्रवादी समानता पार्टी तमाम छोटे-छोटे दलों को एकीकृत कर सांझा मंच बनाने में जुट गई हैं । साझे राजनैतिक कार्यक्रम पर आम सहमति बनाकर आनेवाले समय में आम लोगों के हित में चलाए जाने वाले जन आन्दोलन या आम चुनाव (लोकसभा/विधानसभा/नगर निगम) में एक साझे प्लेटफॉर्म से उनमें हिस्सा लेने की है । यह सपना दिल्ली राज्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि हर प्रान्त की राजधानी में पहुँचकर पूरे देश की राजनैतिक पार्टियों (जो हजारों में होगी) को जोड़ना है ताकि आगे होने वाले चुनावों में आम लोगों के मतों का विभाजन न होने पाए । इसी विभाजन का लाभ सत्ताधारी दल अक्सर उठाते हैं और आम जनता की आवाज तूती की आवाज बनकर रह जाती हैं ।
इसके तहत आपस में मिलकर आम राय के द्वारा एक कार्यक्रम निश्‍चित करके समन्वय की भावना से साझा उम्मीदवार तय करने की योजना है । भारतीय राष्ट्रवादी समानता पार्टी के राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष एवं संयोजक अवतार सिंह के अनुसार उनके इस अभियान को काफी समर्थन मिला है । बी. आर. एस. पी. के सदस्यों की क्षमता, व प्रतिभा अद्वितीय है । सभी सदस्य स्वेच्छा से पार्टी से जुड़े हैं । सभी सक्षम हैं, देशभक्‍त हैं और सभी व्यवस्था में बदलाव भी चाहते हैं । श्री सिंह ने कहा हम यह बदलाव शिक्षा व न्याय द्वारा लाएँगे । सर्वविदित है कि योग गुरू स्वामी रामदेवजी ने इस पार्टी के विचारधारा एवं संगठनशक्‍ति से प्रभावित होकर मार्गदर्शन एवं समर्थन देने का निश्‍चय किया है जो काफी महत्वपूर्ण है । भ्रष्टाचार के खिलाफ शंखनाद एवं राजनीति में शुद्धता के लिए बाबा रामदेव काफी चर्चित रहे हैं । इस संदर्भ में इन जैसे हस्ती का समर्थन मिलने से युवाओं का तेजी से जुड़ाव होना शुरू हो गया है क्योंकि युवाओं के नजर में आज बाबा रामदेव एक रोल मॉडल हैं ।
भारतीय राष्ट्रवादी समानता पार्टी के मुख्य संरक्षक रमेश अग्रवाल कहते हैं कि बी.आर.एस.पी. का जन्म दुष्ट निवारण और शिष्ट परिपालन के लिए हुआ है । जातिगत आरक्षण का विरोध करते हुए पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी ने सरकार की तरफ इशारा करते हुए कहा कि “क्या समझते हैं ये लोग कि ये जुल्म करते रहेंगे और हम चुपचाप सहते रहेंगे? हमने भारतीय राष्ट्रवादी समानता पार्टी को इसलिए बनाया है कि आम आदमी को न्याय, इज्जत एवं सुरक्षा देने के लिए बनाया है । हम बेरोजगार युवकों की सहकारी समिति बनाकर बेरोजगारी दूर करेंगे और हर समय व हर जगह कृषि व किसानों को प्राथमिकता दी जाएगी । वे व्यंग्य भरे लहजे में कहते हैं- “कमाल का लोकतंत्र है यहाँ, किसान का बेटा तो मजदूर हो गया और घुटभईयों के बेटे राजनेता हो गए । ”
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल तेजेन्द्र पाल त्यागी के अनुसार “ बी.आए.एस.पी का भविष्य सभी पार्टियों से बेहतर है क्योंकि इस पार्टी के राष्ट्रीय प्रशासनिक सदस्य बाबा रामदेव से आशीर्वाद लेकर आए हैं । यह पार्टी एक राष्ट्रीय आंदोलन है । पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव खेड़ा के अनुसार- “अन्याय सहना, अन्याय करने से बड़ा पाप है । ” जिंदगी जीने की कीमत तो हर तरह चुकानी पड़ती है । घुटने टेककर भी और सर उठाकर भी । स्वाभिमान चाहते हैं तो हमारे साथ चलें । आज आवश्यकता राजनीति के समाजीकरण की है ना कि समाज के राजनीतिकरण की । हम जो साँस ले रहे हैं उसमें भी राजनीति है, इसलिए इससे बचा नहीं जा सकता । उन्होंने युवाओं को आह्वान करते हुआ कहा कि वो संगठित होकर सामूहिक समर्थन उस व्यक्‍ति को दें जो देशभक्‍त, पुरूषार्थी और ईमानदार हो । जब हमारा देश जवान है तो नेता भी जवान होने चाहिए । यदि ६० वर्षों में आरक्षण से समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो अब क्या होगा? संविधान सभा की १३ सदस्यों की कोर कमिटी में सभी ब्राह्मण थे । यदि उनके मन में जात-पात होती तो वे भीमराव अंबेडकर के बजाय माणिक लाल या वी.एन. राव को ड्राफ्टिंग कमिटी का चेयरमैन बनाते ।
सर्वसम्मति से हमलोगों ने सभी सदस्यों के लिए नैतिक मानदंड स्थापित किए हैं, जिसके तहत “आपसी अभिवादन में जय हिंद बोलना और बुलवाना, कम से कम एक विकलांग या शहीद सिपाही के आश्रित को कुछ ना कुछ सहारा देना अपने घर या दफ्तर में बाबा रामदेव के फोटो के साथ संस्था का बोर्ड लगवाने का निश्‍चय किया है । भारत स्वाभिमान ट्रस्ट और बाबा रामदेव के नेतृत्व में २३ जनवरी २०१० को दिल्ली में संत, सैनिक और किसानों के लिए सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है । अंतः में वे एक प्रश्न उठाते हैं कि “बेईमान लोग एक हो सकते तो ईमानदार एक क्यों नहीं हो सकते?
- गोपाल प्रसाद

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