Thursday, May 26, 2011

एडवरटाइजिंग में है अवसर

कोई भी कंपनी चाहे कितना भी अच्छा उत्पाद बना ले उसे प्रचार-प्रसार की जरूरत पड़ती ही है । इस प्रचार-प्रसार की प्रक्रिया में उसकी सही तरीके से मार्केटिंग की जाती है, जिससे वो उत्पाद बाजार में अच्छी तरह से स्थापित हो जाए और उपभोक्‍ताओं तक अपनी पहुँच बना ले । इसी काम को करने के लिए एडवरटाइजिंग या विज्ञापन एजेंसी बनाई जा रही है । आज व्यवसाय में प्रतियोगिता बढ़ रही है । जितनी भी उत्पादक कंपनी हैं, वो अपने उत्पादों को जन-जन तक पहुँचाना चाहती हैं और इसमें विज्ञापन एजेंसी उनकी सहायता कर रही है । विज्ञापन या एडवरटाइजिंग का बाजार बड़ी तेजी से बढ़ रहा है लिहाजा रोजगार के लिए भी यह एक बेहतर विकल्प साबित हो रहा है ।

कोर्स और योग्यता :-

एडवरटाइजिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसकी पढ़ाई में काफी विविधता है । यह क्षेत्र लोगों की क्रिएटिव प्रकृति पर निर्भर करता है, क्योंकि इसमें विशेषज्ञ और कोर्स करने के अलग-अलग प्रभाग हैं । यह प्रभाग अमूमन कापीराइटर्स, स्क्रिप्टराइटर्स, फोटोग्राफर, डिजायनर्स आदि में बँटे होते हैं । अब इन्हीं क्षेत्रों में डिप्लोमा, सर्टिफिकेट और स्नातक स्तर की पढ़ाई होती है । इस क्षेत्र में अलग-अलग विषय के लोग आते हैं इसलिए इसमें कोर्स और योग्यता के मानक भी अलग-अलग ही होते हैं । मसलन एडवरटाइजिंग एजेंसी में कला प्रभाग होता है जिसके लिए फाइन आर्ट्‌स में स्नातक (B.F.A) डिग्री होना अनिवार्य है । कॉपीराइटर्स के लिए डिप्लोमा इन क्रिएटिव राइटिंग होना चाहिए । इसके अलावा मार्केटिंग के लिए प्रबंधन डिग्री की भी आवश्यकता होती है । इन सबसे अलग मीडिया प्लान २ ग्राफिक्स पब्लिक रिलेशन से जुड़े कोर्स भी इस क्षेत्र के लिए उपयोगी है ।

रोजगार के क्षेत्र :-

भारतीय बाजार, अन्तर्राष्ट्रीय बाजार में बदल चुका है, क्योंकि यहाँ बहुराष्ट्रीय कंपनियां तेजी से निवेश कर रही हैं । इस वजह से एडवरटाइजिंग प्रोफेशनल्स के लिए रोजगार के पर्याप्त अवसर है । इस क्षेत्र में आम लोगों की योग्यता, एजेंसी का कार्य-क्षेत्र और कारोबार पर निर्भर करता है । वैसे यहाँ कोई भी फ्रेशर १० हजार से १५ हजार से शुरूआत कर सकता है और ये वेतन कार्य और अनुभव के आधार पर बढ़ता भी है । कारोबार भी खड़ा किया जा सकता है या फिर स्वतंत्र रूप से काम किया जा सकता है ।

प्रशिक्षण संस्थान :-

1. नेशनल स्कूल ऑफ एडवरटाइजिंग, नई दिल्ली
2. इंडियन इंस्टीट्‌यूट ऑफ मास कम्युनिकेशन, नई दिल्ली
3. जोवियर इंस्टीट्‌यूट ऑफ कम्युनिकेशन, मुम्बई ।


क्या है एडवरटाइजिंग :-

किसी भी उत्पाद के बारे में उपभोक्‍ता के मन में उसके प्रति अच्छी छवि बनाने की प्रक्रिया ही एडवरटाइजिंग कहलाती है । उत्पादक वर्गों में बढ़ती प्रतिस्पर्द्धा के कारण यह प्रक्रिया उत्पादक कंपनियों के लिए आवश्यक हो जाती है । एडवरटाइजिंग एजेंसी भी यही काम करती है जिससे उत्पाद के लिए निश्‍चित ग्राहक तैयार हो सकें । आजकल हर कंपनी में एक एडवरटाइजिंग प्रभाग होता है जो उसके उत्पादों को उपभोक्‍ताओं तक पहुँच आसान करती है

इसके अलावा स्वतंत्र रूप से एडवरटाइजिंग एजेंसी बनाई जाती है जो विभिन्‍न कंपनियों के लिए काम करती है ।

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