Monday, August 3, 2009

२०१५ में कैसा होगा भारत?

विश्‍व बैंक ने भारत में गरीबी के बारे में जो आँकड़े पेश किए हैं, वे आँखे खोलने वाले हैं । विश्‍व बैंक संस्था के अनुमान के अनुसार गरीबी रेखा से नीचे रहनेवाली आबादी के प्रतिशत के रूप में देखा जाय तो भारत की स्थिति केवल अफ्रीका के सब-सहारा देशों से ही बेहतर है । बैंक ग्लोबल इकॉनॉमिक प्रॉस्पेक्टस फॉर २००९ शीर्षक से जारी रिपोर्ट भारत के ‘शाइनिंग इंडिया’ के पीछे की हकीकत बयान करती है । बैंक का अनुमान है कि २०१५ तक भारत की एक तिहाई आबादी बेहद गरीबी (१.२५ डॉलर प्रतिदिन से कम आय) में अपना गुजारा कर रही होगी । भारत में अत्यंत दरिद्रता में जीवन गुजारने वाले लोगों की तादाद १९९० में ४३.६ करोड़ (५१.३%) और २००५ में ४५.६ करोड़ (४१.६%) थी जो २०१५ में ३१.३ करोड़ (२५.४%) रहने का अनुमान है । वहीं पाकिस्तान ने अपने बजट में गरीबों का प्रतिशत घटाने की दिशा में कोई कारगर कदम उठाने के बजाय अपने रक्षा एवं परमाणु बजट को दिन-प्रतिदिन बढ़ाया है । उपरोक्‍त तथ्यों से स्पष्ट है कि भारत और पाकिस्तान के स्थिति एक दूसरे के बिल्कुल विपरीत है । पाकिस्तान का हर कदम भारत के खिलाफ और उल्टा सोचने में ही बीतता है । पाकिस्तान जेहाद एवं आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने तथा कश्मीर खटराग के अलावा ज्यादा सोंच भी नहीं सकता है । पाकिस्तान के राष्ट्रपति की तालिबान एवं आतंकवाद को संरक्षण देने की स्वीकरोक्‍ति से तो स्थिति पूर्णतः स्पष्ट हो चुकी है । आज नहीं तो कल पाकिस्तानी अवाम को अपने विकास एवं मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु आंदोलन की शुरूआत किए बिना दूसरा कोई रास्ता नहीं हैं ।

1 comment:

  1. yadi nijikaran ki jagah saarkar apne system ko sudhar kar kaam kare to logo ko aesa din nahi dekha hoga

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