Monday, August 3, 2009
व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह?
घोटालों के बाद घोटालों की खबरों से भारतीय जनमानस अब अभ्यस्त हो चुकी है । एक ओर जहाँ पारदर्शिता के लिए यूनिक आईडी प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी गई है वहीं दिल्ली महानगरपालिका के लूट की गाथा और देश में फर्जी राशनकार्ड पर शरद पवार के बयान ने व्यवस्था की पोल खोल कर रख दी है । आज भारत की जनता इन घोटालों पर अंकुश लगाने हेतु राजनीतिक नौटंकी के बजाय स्थायी समाधान चाहती है । वह चाहती है ऐसे मजबूत तंत्र का विकास हो जिससे पारदर्शिता बनी रहे और गलत करनेवाले पकडे जाये । देश में सभी विभागो को सक्षम, सुलभ व दोषारहित बनाने हेतु डिजिटल व्यवस्था के साथ-साथ बायोमीट्रिक प्रणाली की आवश्यकता है । दिल्ली में महानगरपालिका में कम से कम ५०,००० ऐसे कर्मचारी सफाई और बगीचों की देखभाल का काम देख रहे हैं जो कागजों पर तो हैं लेकिन उनका कोई अस्तित्व नहीं है । ये सभी एमसीडी के रजिस्टरों में मौजूद है और इनके नाम से हर साल करोड़ों रूपए तनख्वाह भी निकाली जाती है । एमसीडी के कर्मचारियों की रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया के दौरान आंकडा सामने आया है । यदि इस आधार पर भी गणना की जाए तो लगभग ९० करोड़ रूपए हर महीने की गलत तनख्वाह बांटी जाती है । कुछ सूत्रों का कहनाहै कि सालाना यह राशि हजार करोड़ की होती है । एअमसीडी की स्टैडिंग कमेटी के पूर्व सदस्य विजेंदर गुप्ता कहते हैं कि एमसीडी में हजारों ऐसे कर्मचारी हैं और इन्हें बाकायदा मासिक वेतन मिलता है । अब बॉयोमीट्रिक सिस्टम के चलते सच सामने तो आ रहा है । इस बारे में सीबीआई की जांच की मांग की जा सकती है लेकिन इसके लिए १५ जुलाई तक का इंतजार करना होगा । इस बारे में दिल्ली की पूर्व महापौर आरती मेहरा कहती हैं कि ऐसे कर्मचारियों की जांच करने के लिए बॉयोमीट्रीक सिस्टम लगवाने की शुरूआत हुई थी और अब इसका नतीजा सामने है । देश में हैं ३.५ करोड़ फर्जी राशन कार्डसार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) द्वारा सही लोगों तक खाद्यान्न पहुंचने में काफी समस्या आ रही है । खुद केंद्रीय खाद्य मंत्री शरद पवार ने राज्य सभा में ऐसा बयान दिया । उनका मानना है कि पूरी वितरण प्रणाली में काफी खामियां हैं । गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) वाले बोगस कार्डो की भरमार है । देश में बीपीएल परिवारों की संख्या साढ़े छह करोड़ है, जबकि राज्यों की ओर से १० करोड़ राशन कार्ड जारी किए हैं । अर्थात देश में हैं ३.५ करोड़ फर्जी राशन कार्ड । पवार ने सदस्यों के सवालों के जवाब में कहा, राज्यों से कहा गया है कि अभियान के तहत जाली राशन कार्डो का पता लगा कर उन्हें वापस लें । लेकिन राज्यों ने अभी तक संतोषजनक तरीके से इस दिशा में कदन नहीं उठाया है । सरकार की तरफ से पीडीएस की खामियों को दूर करने और उसे चुस्त दुरस्त बनाने को लेकर कमिटी गठित की गई थी । सुप्रीम कोर्ट ने भी पीडीएस को लेकर कमियों का जिक्र किया है । पीडीएस की समीक्षा की गई है लेकिन जब तक बोगस राशन कार्डो को नहीं हटाया तब तक इसे पूरी तरह से दुरूस्त करने में दिक्कत आएगी ।
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acha lekh hai
ReplyDeleteshuruaat achi hai lage raho
system to kharab hain hi........sudhar kaise karen?
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